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created May 19th 2022, 03:19 by Successwithyou
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उपरोक्त विचारणीय प्रश्नों के संबंध में फरियादी विनोद यादव की अभिसाक्ष्य उसकी मृत्यु हो जाने से अभियोजन की ओर से नहीं कराई जा सकी है तथा साक्षी अजय गावले को उसके पूर्व ज्ञात पते पर न मिलने से अभियोजन की ओर से परीक्षित नहीं कराया गया है। अत- प्रकरण में उक्त साक्षीगण की साक्ष्य का अभाव है। प्रकरण में अभियोजन साक्षी तत्कालीन प्रधान आरक्षक पुष्पेन्द्र सिंह एवं तत्कालीन प्रधान आरक्षक संतोष कुमार ने फरियादी विनोद यादव के द्वारा ट्रक के कागजात, आरसीबी, बीमा, फिटनेस प्रमाण पत्र, ट्रांसपोर्ट बिल्टी प्रस्तुत किये जाने पर उनके समक्ष प्रदर्श पी 12 तैयार किया जाना अभिकथित करते हुए प्रदर्श पी 12 पर हस्ताक्षर होना बतलाया गया है। उक्त साक्षीगण लूटी हुई सामग्री की जप्ती की कार्यवाही से संबंधित साक्षी न होकर मात्र फरियादी के ट्रक के कागजातों के संबंध में की गई जप्ती की कार्यवाही से संबंधित औपचारिक साक्षी हैं। अभियोजन कहानी अनुसार अभियुक्त मुकेश नायक एवं अन्य सहअभियुक्त इकराम शेख घटना दिनांक 31.07.2013 को घटनास्थल में फरियादी विनोद यादव की गाड़ी़को ओवरटेक करके रोककर फरियादी विनोद यादव की गर्दन पर चाकू अड़ाकर उसके पेंट की जेब में से पर्स निकालकर 500 रूपये के 6 नोट, 100 रूपये के 2 नोट कुल 3200 रूपये फरियादी के ड्राइविंग लाइसेंस की कलर कॉपी और कुछ कागजों की लूट कारित की गई है यद्यपि फरियादी विनोद यादव को अभियोजन की ओर से परीक्षित नहीं कराया जा सका है, किन्तु इस संबंध में तत्कालीन निरीक्षक मनोज पटवा ने दिनांक 31.07.201़3 को फरियादी विनोद उर्फ गोलू के द्वारा रिपोर्ट करने पर उसके द्वारा अपराध क्रमांक 169/13 अंतर्गत धारा 392 भारतीय दण्ड विधान के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना अभिकथित करते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी 10 पर हस्ताक्षर होना बतलाया है। शिनाख्ती मेमोरेण्डम प्रदर्श पी 8 व 9 के अनुसार तत्कालीन नायब तहसीलदार के द्वारा आरोपीगण की पहचान की कार्यवाही संपादित की गई है। इस संबंंधमें साक्षी महेश ने अपने कथनों में यह बतलाया है कि उसके द्वारा अभियुक्तगण इकराम शेख तथा मुकेश की शिनाख्ती की कार्यवाही केन्द्रीय जेल में की गई थी जिसमें फरियादी विनोद यादव के द्वारा पहचान की गई थी जिसके शिनाख्ती मेमो उसके द्वारा तैयार किए गए थे।
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