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SHREE BAGESHWAR ACADEMY TIKAMGARH (M.P.) Contact- 8103237478
created May 18th 2022, 03:39 by Shreebageshwar Academy
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एक प्रसिद्ध कवि की मेज़ पर एक क़लम, यानी पैन और एक स्याही की दवात रखी हुई थी। रात का समय था। कवि महोदय किसी संगीत-कार्यक्रम में गए हुए थे। तभी उनकी मेज़ की चीजें अचानक बातें करने लगीं। दवात बोली, कितने कमाल की बात है, मेरे अंदर से कितनी सुंदर चीजें निकलती हैं। कविताएं कहानियां चित्र सभी कुछ। मेरी कुछ बूदें ही काफी हैं, पूरा एक पेज भरने के लिए। मेरा कोई जवाब नहीं। पैन ने यह सुना तो तुरंत बोला, यह तुम क्या कर रही हो अरे, अगर मैं नहीं हाेता तो कोई कैसे लिखता। तुमसे तो केवल स्याही ली जाती है। सुंदर शब्द तो बस मेरे अंदर से ही निकलते हैं। वे दोनों अभी बातें कर रहे थे कि तभी कवि महोदय वहां आ गए। ऐसा लगता था जैसे उन्हें संगीत का कार्यक्रम बहुत पसंद आया था, इसलिए वे प्रसन्न थे। आकर सीधे अपनी मेज पर आए और लिखने लगे। यदि तबला कहे कि उसके अंदर से सुंदर तालें निकलती हैं तो कितना गलत होगा। यदि बांसुरी कहे कि सोर मीठे स्वर उसी के अंदर से निकलते हैं तो मूर्खता होगी। सच तो यह है कि ये सब तो बस वही करते हैं, जो उनके उपर चलने वाले हाथ उनसे करवाते हैंं उस व्यक्ति के हाथ जो इन्हें बजा रहा होता है। और वह व्यक्ति बस वही करता है, जो ईश्वर उससे करवाताा है। यानी कि संसार में सब कुछ ईश्वर की इच्छा से ही होता है। हम तो बस ईश्वर के हाथों के खिलौने हैं। जो वह चाहेगा, वही होगा। और तब पैन और स्याही को बात समझ में आई। उसके बाद उन्होंने कभी लड़ाई नहीं की। एक नगर था। अंधेरनगरी। वहां क राजा अक्सर उदास रहा करते थे। उनके दरबार से सभी लोग चाहते थे कि वे खुश रहें, क्योंकि जब वे खुश रहते थे तो उनकी प्रजा भी खुश रहती थी।
तरह-तरह के लोग उनसे मिलने आते थे और ये कोशिश करते थे कि राजा को हंसा सके। लेकिन सारी कोशिशें बेकार हो जाती थीं। एक दिन दरबार में एक मसखरा आया।
उनका नाम था। राजू उसने राजा से कुछ इस तरह की बात की कि राजा को हंसी आ ही गई बड़ा ही बुद्धिमान था वह किसी भी बात को मजाक में कह देना उसके लिए बहुत सरल काम था। राजा ने निश्चय किया वे राजू को अपने पास रखोंगे।
तरह-तरह के लोग उनसे मिलने आते थे और ये कोशिश करते थे कि राजा को हंसा सके। लेकिन सारी कोशिशें बेकार हो जाती थीं। एक दिन दरबार में एक मसखरा आया।
उनका नाम था। राजू उसने राजा से कुछ इस तरह की बात की कि राजा को हंसी आ ही गई बड़ा ही बुद्धिमान था वह किसी भी बात को मजाक में कह देना उसके लिए बहुत सरल काम था। राजा ने निश्चय किया वे राजू को अपने पास रखोंगे।
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