eng
competition

Text Practice Mode

DURGA TYPING CENTER (पुनरीक्षण याचिका)

created May 14th 2022, 01:58 by Dk001


1


Rating

390 words
13 completed
00:00
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से प्रस्‍तुत आपराधिक पुनरीक्षण याचिका द्वारा मुख्‍यकत: आधार तर्क किए गए हैं कि फरियादी द्वारा उसे सीने बांए पैर में चोट पहुंचाने के कारण अस्थिभंग होना बताया गया। आरक्षीगण ने फरियादी से सांठ-गांठ कर उक्‍त पुनरीक्षणकर्ता के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। अत: आरोपी के द्वारा सीने में लाठी और आरोपी के द्वारा बांए घुटने में लाठी मारना बताया गया जबकि मेडिकल बोर्ड द्वारा दोनों ही चोटें होना नहीं पाया गया। ऐसी स्थिति में प्रथमदृष्‍टया आरोपी के विरुद्ध धारा 323, 504 भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप के तथ्‍य भी गठित नहीं होते हैं। विद्वान विचारण न्‍यायालय ने उक्‍त तथ्‍य की ओर ध्‍यान नहीं देते हुए पुनरीक्षणकर्तागण के विरुद्ध धारा 323 अथवा 325 सहपठित धारा 34 एवं धारा 304 भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप विरचित करने में गंभीर भूल की है। विचारण न्‍यायाय द्वारा घोषित निर्णय दिनांक 8 जनवरी 2016 के परिशीलन से विदित है कि वादी का वाद निर्णय की कंडिका 12 के अनुसार खारिज किया गया है तथा इस न्‍यायाय द्वारा निर्णय व्‍यवहार अपील में घोषित निर्णय की वाद निर्णय की कंडिका 02 में भी वादी का वाद निरस्‍त किए जाने का उल्‍लेख किया गया है, लेकिन निर्णय की कंडिका 18 में लिपिकीय त्रुटिवश के वाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया गया है, लेख हो गया है कि जो लिपिकीय एवं मामूली त्रुटि है जिस तरह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 132 में प्रदत्‍त शक्तियों का अनुसरण करते हुए सुधार कर निर्णय की कंडिका 18 में लिपिकीय त्रुटिवश लेख, वाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया गया है, के स्‍थान पर वाद अस्‍वीकार किया गया है, अभिलिखित किए जाने का आदेश दिया जाता है। उपरोक्‍तानुसार आवेदन स्‍वीकार किया जाता है। निर्णय की कंडिका 18 में लाला स्‍याही से सुधार किया जाए एवं सुधार आदेश पत्रक की प्रति निर्णय के साथ कम्‍प्‍यूटर में अपलोड की जावे। मामला संक्षेप में यह है कि प्रत्‍यर्थी के द्वारा अधीनस्‍थ विचारण न्‍यायालय के समक्ष अपीलार्थी स्‍वयं को विवाहित पत्‍नी बताते हुए अपीलार्थी द्वारा उसका परित्‍याग कर दिए जाने के आधार पर एक वाद अंतर्गत धारा 12 दंड प्रक्रिया संहिता पेश कर अनावेदकगण से सात हजार रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण की राशि वाद व्‍यय हेतु दिलाए जाने की प्रार्थना की गई। अनावेदकगण साक्षी की अंति स्थिति पर अपीलार्थी की ओर से आवेदन आवेदिका के मेडिकल परीक्षण कराए जाने बाबत् पेश किया गया, जिसके पश्‍चात् हेतु प्रकरण नियत होता रहा।

saving score / loading statistics ...