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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूुट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्दवाड़ा मो.नं. 8982805777
created Jan 24th, 07:01 by bansod typing
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पुलिस और जनता के प्रति व्यवहार को दृष्टिगत रखते हुए जो कर्तव्य किये गये है, उसके अनुसार संज्ञेय अपराध का पंजीयन राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा करना ऐसे प्रत्येक कार्य को रोकना जिससे आम नागरिक को खतरा उत्पन्न हो, नवयुवको द्वारा खतरनाक और लापरवाहीपूर्ण ढंग से वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाना, गरीब अपंग और बालकों से अच्छा व्यवहार करना, महिलाओं को उनके शारीरिक शोषण से सुरक्षित रखना तथा दूर्घटना में घायल व्यक्तियों करना, महिलाओं को उनके शारीरिक शोषण से सुरक्षित रखना तथा दुर्घटना में घायल उपलब्ध कराना आदि प्रमुख है आज भी पुलिस में कुछ ऐसे कर्मचारी और अधिकारी है जिन्हें जनता द्वारा सम्मानित किया जाता है कितु ऐसे अधिकारियों की संख्या नगण्य है।
उत्तरदाताओं की राय में पुलिस की ईमानदारी एवं निष्पक्ष व्यवहार की भूमिका सबधी 83.67 प्रतिशत उत्तदाताओं की राय है कि पुलिस ईमानदारी एवं निष्पक्ष व्यवहार द्वारा ही जनता के लिए सहयोगी एवं कल्याणकारी हो सकती है। 16.33 प्रतिशत उत्तदाता मानते है कि पुलिस केवल ईमानदारी एवं निष्पक्ष व्यवहार द्वारा ही जनता के लिए सहयोग एवं कल्याणकारी नहीं हो सकती है।
जनता से पुलिस व्यवहार का अर्थ यह है कि पुलिस का व्यवहार जनता से इस प्रकार का हो कि वह पुलिस के कर्तव्य निभाने में मदद करें तभी यह माना जा सकता है। कि पुलिस और जनता के सबध सौम्य और मधुर है। आम नागरिक पर कोई परेशानी आने पर पुलिस द्वारा उसकी समस्याओं का निदान कियाजाता है। पुलिस और समाज सम्बंधक मैत्रीभांव, बंधुत्व और आपसी सद्भाव की एक कड़ी समझ जाता है। जिसके द्वारा पुलिस और समाजको सामन्य उदेश्यों जैसे शांति ओर कानून व्यव्था, सामाजिक अधिकारी और नागरिक स्वतंत्रओं को बनाए रखने के लिए पुलिस और जनता संम्बंध पुलिस और जनता के आपसी व्यवहार मित्रता और सहयोग का ही परिणाम होत है।
उत्तरदाताओं की राय में पुलिस की ईमानदारी एवं निष्पक्ष व्यवहार की भूमिका सबधी 83.67 प्रतिशत उत्तदाताओं की राय है कि पुलिस ईमानदारी एवं निष्पक्ष व्यवहार द्वारा ही जनता के लिए सहयोगी एवं कल्याणकारी हो सकती है। 16.33 प्रतिशत उत्तदाता मानते है कि पुलिस केवल ईमानदारी एवं निष्पक्ष व्यवहार द्वारा ही जनता के लिए सहयोग एवं कल्याणकारी नहीं हो सकती है।
जनता से पुलिस व्यवहार का अर्थ यह है कि पुलिस का व्यवहार जनता से इस प्रकार का हो कि वह पुलिस के कर्तव्य निभाने में मदद करें तभी यह माना जा सकता है। कि पुलिस और जनता के सबध सौम्य और मधुर है। आम नागरिक पर कोई परेशानी आने पर पुलिस द्वारा उसकी समस्याओं का निदान कियाजाता है। पुलिस और समाज सम्बंधक मैत्रीभांव, बंधुत्व और आपसी सद्भाव की एक कड़ी समझ जाता है। जिसके द्वारा पुलिस और समाजको सामन्य उदेश्यों जैसे शांति ओर कानून व्यव्था, सामाजिक अधिकारी और नागरिक स्वतंत्रओं को बनाए रखने के लिए पुलिस और जनता संम्बंध पुलिस और जनता के आपसी व्यवहार मित्रता और सहयोग का ही परिणाम होत है।
