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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट प्रायवेट बस स्टेण्ड छिन्दवाड़ा
created Oct 23rd 2021, 02:55 by sachin bansod
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एक जंगल में एक शिकारी ने एक मोटे-तगड़े सुअर पर बुकीले तीर से निशाना लगाया। सुअर ने घायल होने के बावजूद, शिकारी पर पलटकर हमला किया और उसे मार डाला। इसके बाद सुअर भी अपने शरीर के घाव की वजह से मर गया। कुछ देर बाद, एक भूखा सियार वहां आ पहुंचा। उसे शिकारी और सुअर के रूप में दो-दो शिकार पड़े मिले। वह स्वयं से कहने लगा, आज ईश्वर ने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की है। चलो, पहले, इस धनुष की होरी से ही खाने की शुरुआत की जाए। सियार सियार की लाश के पास गया और धनुष की डोरी को कुतरने लगा। जैसे ही धनुष की डोरी टूटी, वैसे ही उसमें लगा तीर पूरे जोर से निकल पड़ा और सीधे सियार के शरीर में घुस गया और वह वहीं पर मर गया। उसे खाना शुरू करने से पहले सोचना चाहिए था। ऐसा जो करके, वह लालच में आकर बिना सोचे-समझे टूट पड़ा और अपनी जान गंवा बैठा।
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