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HIGH COURT HINDI HIGH SPEED PRACTICE [SHUBHAM BAXER] (7987415987) //CHHINDWARA M.P.//
created Oct 20th 2021, 09:51 by shubham baxer
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सुश्री करनप्रीत कौर* पंजाब राज्य में मोगा जिले के एक गाँव की निवासी हैं। 2014 में, सुश्री कौर 15 साल की थीं और स्कूल से लौट रही थीं, उनके साथ गॉव के एक व्यक्ति श्री संदीप सिंह* ने बलात्कार किया। जो एक ड्रग-एडिक्ट है, आरोपी की उम्र उस समय 39 साल की थी और पीडिता के पिता की एफ़आईआर दर्ज करने पर उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आईपीसी की धारा 376 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 और 4 की धारा 1989 के तहत और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोक्सो) की धारा 3 और 4 के तहत कानूनी कार्रवाई की गई थी। आरोपी श्री संदीप सिंह को दस साल की सजा सुनाई गई और उसे पीडिता को 2 लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया। एक साल बाद, संदीप सिंह* को गाँव में खुले रूप से घूमते हुए पाया गया। अब तक, पीडिता सुश्री कौर को क्षतिपूर्ति के रूप में केवल 50,000 रुपए ही प्राप्त हुए थे।
सुश्री कौर को वीएलई श्री सुखवीर सिंह ने टेली-लॉ योजना के बारे में बताया और टेली-लॉ की तत्काल कानूनी सलाह सुविधा के तहत उनका मामला दर्ज करवाया। सुश्री अक्ष बसरा को उनके मामले में वकील नियुक्त किया गया, जिन्होंंने सुश्री कौर की माँ और भाई रसपाल सिंह* को सलाह दी कि वे इस मुद्दे पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) मोगा से कानूनी मदद लें, ताकि आरोपी श्री संदीप सिंह को सलाखों के पीछे डाला जा सके और पीडिता को समय पर मुआवजा मिल सके।
यह पता चला है कि सुश्री कौर का परिवार बहुत गरीब और अनपढ़ है और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोगा अदालत में अवमानना का कोई भी मामला दर्ज करने से डरता है। इसके अलावा, जैसा कि सुश्री कोर की अब विवाह योग्य उम्र हो गई है, इसलिए परिवार के सदस्यों को उसकी शादी की संभावनाओं में बाधा आने का डर है। हालांकि, टेली-लॉ स्टेट कोर्डिनेटर, वीएलई, पीएवी और सीएससी के अन्य अधिकारियों द्वारा राजी किए जाने पर उनकी ओर से पूरे मामले पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) मोगा से सलाह ली गई। सीजेएम ने मामले को ध्यान पूर्वक देखा और 1.5 लाख रुपए का मुआवजा प्राप्त करने के लिए इस मामले को सिविल कोर्ट मोगा में पूर्ण कानूनी सहायता के लिए जिला विविध सेवा प्राधिकरण के वरिष्ठ वकील को नियुक्त किया।
टेली-लॉ वास्तव में गरीबों की आवाज साबित हो रहा है और सुश्री कौर जैसी पीडितों की मदद कर रहा है।
सुश्री कौर को वीएलई श्री सुखवीर सिंह ने टेली-लॉ योजना के बारे में बताया और टेली-लॉ की तत्काल कानूनी सलाह सुविधा के तहत उनका मामला दर्ज करवाया। सुश्री अक्ष बसरा को उनके मामले में वकील नियुक्त किया गया, जिन्होंंने सुश्री कौर की माँ और भाई रसपाल सिंह* को सलाह दी कि वे इस मुद्दे पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) मोगा से कानूनी मदद लें, ताकि आरोपी श्री संदीप सिंह को सलाखों के पीछे डाला जा सके और पीडिता को समय पर मुआवजा मिल सके।
यह पता चला है कि सुश्री कौर का परिवार बहुत गरीब और अनपढ़ है और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोगा अदालत में अवमानना का कोई भी मामला दर्ज करने से डरता है। इसके अलावा, जैसा कि सुश्री कोर की अब विवाह योग्य उम्र हो गई है, इसलिए परिवार के सदस्यों को उसकी शादी की संभावनाओं में बाधा आने का डर है। हालांकि, टेली-लॉ स्टेट कोर्डिनेटर, वीएलई, पीएवी और सीएससी के अन्य अधिकारियों द्वारा राजी किए जाने पर उनकी ओर से पूरे मामले पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) मोगा से सलाह ली गई। सीजेएम ने मामले को ध्यान पूर्वक देखा और 1.5 लाख रुपए का मुआवजा प्राप्त करने के लिए इस मामले को सिविल कोर्ट मोगा में पूर्ण कानूनी सहायता के लिए जिला विविध सेवा प्राधिकरण के वरिष्ठ वकील को नियुक्त किया।
टेली-लॉ वास्तव में गरीबों की आवाज साबित हो रहा है और सुश्री कौर जैसी पीडितों की मदद कर रहा है।
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