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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक- लकी श्रीवात्री मो. नं. 9098909565
created Sep 24th 2021, 03:54 by rajni shrivatri
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जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिए जाने की दशा में कारावास का पर्यवसान- यदि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए नियत की गई कारावास की अवधि का अवसान होने से पूर्व जुर्माने का ऐसा अनुपात चुका दिया या उद्गृहीत कर लिया जाए कि देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास की जो अवधि भोगी जा चुकी हो, यह जुर्माने के तब तक न चुकाए गए भाग के आनुपातिक से कम न हो तो कारावास पर्यवसित हो जाएगा।
एक सौ रूपए के जुर्माने और उसके देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए चार मास के कारावास से दण्डादिष्ट किया गया है। यहां यदि काारावासके एक मास के अवसान से पूर्व जुर्माने के पचहत्तर रूपये चुका दिए जाएं या उद्गृहीत कर लिए जाएं तो प्रथम मास का अवसानप होते ही क उन्मुक्त कर दिया जाएगा। यदि पचहत्तर रूपए प्रथम मास के अवसान पर या किसी भी पश्चात्वर्ती समय पर जबकि क कारावास के दो मास के अवसान से पूर्व जुर्माने के पचास रूपये चुका दिया जाएं या उदगृहीत कर लिए जाएं तो क दो मास के पूरे होते ही उन्मुक्त कर दिया जाएगा। यदि पचास रूपये उएन दो मास के अवसान पर या किसी भी पश्चात्वर्ती समय पर, जबकि क कारावास में हैं, चुका दिए जाएं या उदगृहीत कर लिया जाएं, तो क तुरन्त उन्मुक्त कर दिया जाएगा।
एकांत परिरोध- जब कभी कोई व्यक्ति ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहरीाया जाता है जिसके लिए न्यायालय को इस संहिता के अधीन उसे कठिन कारावास से दण्डादिष्ट करने की शक्ति है, तो न्यायालय अपने दण्डादेश द्वारा आदेश दे सकेगा कि अपराधी को उस कारावास के, जिसके लिए वह दण्डादिष्ट किया गया है, किसी भाग या या भागों के लिए जो कुल मिलाकर तीन मास के न होंगे, निम्न मापमान के अनुसार एकांत परिरोध में रखा जाएगा।
एक सौ रूपए के जुर्माने और उसके देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए चार मास के कारावास से दण्डादिष्ट किया गया है। यहां यदि काारावासके एक मास के अवसान से पूर्व जुर्माने के पचहत्तर रूपये चुका दिए जाएं या उद्गृहीत कर लिए जाएं तो प्रथम मास का अवसानप होते ही क उन्मुक्त कर दिया जाएगा। यदि पचहत्तर रूपए प्रथम मास के अवसान पर या किसी भी पश्चात्वर्ती समय पर जबकि क कारावास के दो मास के अवसान से पूर्व जुर्माने के पचास रूपये चुका दिया जाएं या उदगृहीत कर लिए जाएं तो क दो मास के पूरे होते ही उन्मुक्त कर दिया जाएगा। यदि पचास रूपये उएन दो मास के अवसान पर या किसी भी पश्चात्वर्ती समय पर, जबकि क कारावास में हैं, चुका दिए जाएं या उदगृहीत कर लिया जाएं, तो क तुरन्त उन्मुक्त कर दिया जाएगा।
एकांत परिरोध- जब कभी कोई व्यक्ति ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहरीाया जाता है जिसके लिए न्यायालय को इस संहिता के अधीन उसे कठिन कारावास से दण्डादिष्ट करने की शक्ति है, तो न्यायालय अपने दण्डादेश द्वारा आदेश दे सकेगा कि अपराधी को उस कारावास के, जिसके लिए वह दण्डादिष्ट किया गया है, किसी भाग या या भागों के लिए जो कुल मिलाकर तीन मास के न होंगे, निम्न मापमान के अनुसार एकांत परिरोध में रखा जाएगा।
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