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सॉंई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565

created Jul 16th 2021, 06:01 by sandhya shrivatri


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टोक्‍यों ओलंपिक शुरू होने में कुछ ही दिन शेष हैं। इसे लेकर काफी हलचल है, इतना पैसा दांव पर लगा है कि इन्‍हें रद्द नहीं किया जा सकता। आधुनिक खेल इतिहास में मानवता को ताक पर रख पैसों के लिए होने वाले ये खेल ऐसे देश में होने वाले है, जहां केवल 16 प्रतिशत आबादी को कोरोना वैक्‍सीन लगी है और 83 प्रतिशत नागरिक चाहते हैं कि ये खेल रद्द हों या आयोजन कार्यक्रम पुनर्निधारित किया जाए। जापान के सम्राट नारोहितों भी चिंता जता चुके है कि खेलों का आयोजन संक्रमण फैलने का कारण बन सकता है। ऐसे में लालच के लिए अंतराष्‍ट्रीय ओलंपिक संघ को स्‍वर्ण, एनबीसी यूनिवर्सल को रजत और जापान के ओलंपिक आयोजकों को कांस्‍य पदक मिलेगा। महामारी के साये में होने जा रहे इन खेलों के आयोजन पर यही कहा जा सकता है कि जनस्‍वास्‍थ्‍य संकट को दरकिनार कर वित्तीय हितों को प्राथमिकता दी जा रही है।  
कुछ लोगों का कहना है कि उन खिलाडि़यों लिए इन खेलों का आयोजन महत्‍वपूर्ण है, जिन्‍होंने प्रशिक्षण लिया और इसमें भाग लेने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। खिलाडि़यों का पूरा सम्‍मान करते हुए मैं कहता हूं, इसका सरोकार खिलाडि़यों से नहीं है। यह वायुरूद्ध ओलंपिक बबल में बैठे लोगों के लिए है, जो कोरोना वायरस संक्रमण और उससे होने वाली मौतों को कॉपेरिट वास्‍तविकता का असुविधाजनक हिस्‍सा मानते है। एनबीसी युनिवर्सल ने अपने यूएस ओलंपिक्‍स मीडिया राइट्स 2032 तक बढ़ाने के लिए 7.5 बिलियन डॉलर का भुगतान किया है। एनबीसी युनिवर्सल, आइओसी के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है। इसकाी आय का सबसे बड़ा स्‍त्रोत रेटिंग और विज्ञापन से मिलने वाले पैसे को आगे के लिए टाला नहीं जा सकता। टौक्‍यो भी पैसा छोड़ना  नहीं चाहता, फिर भले ही डेल्‍टा वेरिएंट के चलते संक्रमण दर बढ़ रही हो।  
इसीजिए टोक्‍यो मेडिकल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन ने मई माह में आग्रह किया था कि ओलंपिक रद्द कर दिए जाएं। साथ ही चेताया था कि अगर इतने बड़े बहुराष्‍ट्रीय आयोजन के दौरान संक्रमण विस्‍फोट हो गया तो तो अस्‍पताल क्षमताएं पर्याप्‍त है और ही चित्सिा कर्मी। टोक्‍यो के बाहर आयोजन की मेजबानी करने वाले शहरों की सरकारों के पास अस्‍पतालों में अतिरिक्‍त बेड नहीं है और वे ऐसे हालात में खिलाडियों के लिए सुविधाएं अलग से बचाकर रखने से इनकार कर चुकी है, जबकि स्‍थानीय लोगों को उनकी सख्‍त जरूरत है।   
 
 
 
  

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