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MAA SHARDA COLLEGE OF COMPUTER SCIENCE :- DCA/ PGDCA ( नि:शुल्‍क CPCT प्रशिक्षण ) --- आपकी मेहनत हमारा प्रयास : Chakra Tigela Tikamgarh mo- 8305282867

created Apr 9th 2021, 10:49 by shivankrai


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रोहित शर्मा के खेल में दिनों-दिन निखार रहा था। 2005 में इसका नतीजा देखने को मिला जब उन्‍हें देवधर ट्रॉफी में सेंट्रल जोन के खिलाफ वेस्‍ट जोन से चुना गया। इस मैच में रोहित ने 142 रनों की शानदार पानी खेली इसके बाद रोहित की भविष्‍य की गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली थी। 2006 में न्‍यूलीलैंड के खिलाफ भारत टीम में उन्‍हें चुना गया लेकिन यहीं से उनके जीवन में उतार चढ़ाव भी शुरू हुआ। टीम इंडिया से बुलावे का उन्‍हें इंतजार था। जून 2007 में ये भी पूरी हुई इसी के साथ रोहित का सपना और परिवार की दोनों  उम्‍मीद पूरी हो गई कहा जाता है कि शुरू आती दौर में वे काफी बदकिस्‍मत भी रहे हैं। 2007 में आयरलैंड के खिलाफ रोहित शर्मा का वनडे करियर शुरू हुआ लेकिन इस टूर में उन्‍हें बल्‍लेबाजी का मौका ही नहीं मिला। साल 2007-08 में ही ऑस्‍ट्रेलिया दोर पर पूर्व क्रिकेटर इयन चैपल ने रोहित शर्मा को विश्‍व क्रिकेट का सबसे करिश्‍माई बल्‍लेबाज बता दिया था वे वही दोर था जिसके बाद रोहित शर्मा लगातार असफल होने लगे थे।  
विश्‍वकप के बाद टीम इंडिया वेस्‍टइंडीज गई तो साथ में रोहित शर्मा को भी मोका मिला शानदार प्रदर्शन के लिए उन्‍हें मैन ऑफ सीरीज चुना गया। तब तक टीम से सचिन सहवाग की विदाई का वक्‍त गया था। टीम को एक शानदार ओपनर की जरूरत थी। 2013 चैपिंयस ट्रॉफी मे शिखर धवन के साथ धोनी ने उन्‍हें मोक दिया। जोड़ी क्लिक की तो रोहित का बल्‍ला भी बोलने लगा। इसी बीच ऑस्‍ट्रेलिया के साथ सीरीज में बेंगलुरू के चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम में रोहित ने वन डे में शानदार दोहरा शतक ठोंक दिया. इस मैच में उनके 16 छक्‍के थे. इसके बाद रोहित शर्मा के कदम ना तो रूके ओर ना ही थमें, वो देखते ही देखते क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अपनी  जगह पक्‍की करते चले गए। विश्‍व क्रिकेट में उनके प्रशंसा के पुल बंधने लगे।  

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