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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || 05th_Oct_QP-Hindi_Typing_Shift-1
created Mar 3rd 2021, 12:53 by subodh khare
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एक तालाब में तीन मछलियां रहती थीं जिनके नाम अनागतविधाता और यूद्रविष्य थे वे तीनों कई अन्य मछलियों के साथ तालाब में रहती थीं। एक दिन, कुछ मछुआरे आए और तालाब में यह देखने के लिए रूके कि क्या उसमें कोई मछलियां हैं। जब उन्होंने देखा कि तालाब मछलियों से भरा हुआ है, तो वे बहुत उत्साहित हुए और उन्होंने कुछ मछलियों का शिकार किया और अगली सुबह और अधिक मछलियों का शिकार करने के लिए फिर से आने का फैसला किया। एक मछुआरे का कहना था कि इस जगह पर बहुत सारी मछलियां हैं लेकिन अचरज की बात है कि यह जगह अभी तक हमारी उनकी नजर में नहीं आई थी। दूसरे मछुआरे ने माना कि यह बात सच है कि हमने मछलियों से भरपूर इस तालाब को पहले कभी नहीं देखा था, लेकिन अब हमारे इसके बारे में पता हो गया है और इसलिए हमें कल सुबह फिर से शिकार करने आने के लिए सहमत हुए और फिर अपने-अपने रास्ते पर चले गए। तालाब के किनारे तैर रही अनागतविधाता और यूद्रविष्य ने उनकी बातें सुनी, और वे तैर कर तालाब के बीच में गईं और दूसरी मछली को बात करने केे लिए बुलाया ताकि इस स्थिति पर चर्चा की जा सके। पहली मछली सबसे बुद्धिमान थी। उसने बाकी मछलियों को बताया कि जो मछुआरे अभी यहां से गए हैं वह हम सबको देखकर बहुत उत्साहित थे, इसलिए वे कल सुबह जरूर आएंगे इसलिए अब आप बताइए कि आप सभी जीना चाहते हैं या मछुआरों का शिकार बन जाना चाहते हैं। इस पर एक अन्य मछली ने जोर देकर कहा कि निश्चय ही हम सब जीना चाहते हैं। तो पहली मछली ने कहा कि यदि हमें जिंदा रहना है तो हमें यहां से जल्दी से जल्दी निकल जाना चाहिए और किसी दूसरे सुरक्षित तालाब में चले जाना चाहिए। यदि आप खुद को बचाना चाहते है तो आप मेरे पीछे आओ। दूसरी मछली भी यह सोच रही थी। उसने अपनी दोस्त के साथ जाने का फैसला किया। लेकिन तीसरी मछली उनसे सहमत नहीं थी। उसने उन पर हंसते हुए कहा कि हम कायर नहीं जो अपने घर से चले जाएं हम यहीं रहेंगे। उसने बाकी मछलियों को समझाया कि मछुआरे केवल बातें बनाते, वे कल आने वाले नहीं हैं, हमें घबराना नहीं चाहिए यह हमारा घर हैं, हमें यहीं रहना चाहिए, जब मरने का समय हो तो कोई भी बच नहीं सकता। अगर हमें मरना है तो हम बहादुरी से सामना करें। फिर मछलियों ने खुद को अलग-अलग समूहों में बांटना शुरू कर दिया। इस प्रकार तालाब में दो समूह बन गए। उसी शाम, कई मछलियां उस तालाब से चली गई। जो समूह तालाब से नहीं गया वह दूसरों को तालाब से जाते देखकर हंसता रहा, लेकिन अगली सुबह, मछुआरे आ गए, उन्होंने जाल डाला और तालाब में मौजूद सभी मछलियों का शिकार कर लिया उनमें से कोई भी बच नहीं सका।
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