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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565

created Mar 3rd 2021, 11:23 by sandhya shrivatri


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बहुत समय पहले एक चरवाहा था जो अपनी भेड़ो को चराने जंगल ले जाया करता था। एक दिन, उसने गांव वालों के साथ मजाक करने का निश्‍यच किया। वह चिल्‍लाने लगा, बचाओ भेडि़या आया। गांव वाले उसकी पुकार सुनकर दौड़े-दौड़े गए। जब वे लोग चरवाहे के पास पहुंचे तो वहां उन्‍हें कोई भेडि़या नहीं दिखा। चरवाहा गांव वालो को देखकर जोर-जोर से हंसने लगा। उसने कई बार गांव वालों के साथ यही मजाक किया।  अब गांव वालों को उसकी पुकार पर भरोसा नहीं रहा। एक दिन ऐसा हुआ कि सचमुच एक भेडि़या गया। चरवाहा गांव वालों की और भागा और चिल्‍लाने लगा, बचाओं भेडि़या आया। गांव वालों ने समझा कि चरवाहा तो हमेशा की तरह मजाक कर रहा है। गांव वाले उसका चिल्‍लाना सुनकर हंसते रहे। जब चरवाहा बहुत गिड़गिड़ाया तो अनिच्‍छापूर्वक कुछ गांव वाले उसके साथ गए। वहां सबने देखा कि भेडि़ए ने कई सारी भेड़ों को मारा डाला था।  
शिक्षा- हमें हर बार मजाक नहीं करना चाहिए।  

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