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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Mar 3rd 2021, 03:37 by GuruKhare
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जब कोई नकारात्मक विचार आए तो तुरंत व्यस्त हो जाएं। यदि आप बैठे ही रहे तो फिर उसी के बारे में सोचते रहेंगे और उसे शक्ति प्रदान करेंगे। जब आपका मन बहुत सारे विचारों से भर जाए तो जमीन पर लेट जाएं और शरीर को रोल करें, लोट लगाएं। आप पाएंगे कि शरीर में रक्तसंचार में सुधार हुआ है और मानसिक स्तर पर बेहतर महसूस करने लगे हैं। नकारात्मक विचारों का विरोध करें, उन्हें दूर भागएं और उनसे लड़ें तो वे आपका पीछा नहीं छोड़ेंगे। उन्हें आमंत्रित करें और आप पाएंगे। कि वे तेजी से गायब हो गए हैं। यदि नकारात्मक विचारों से घबराएंगे तो वे आपको काबू में ले लेंगे। यदि आप पर बहुत सारे नकारात्मक विचारों की बमबारी हो जाए तो जान लीजिए कि पाचन में कुछ गड़बड़ है। शंख प्रक्षालन से आंतों को स्वच्छ कर लीजिए। उठिए, व्यायाम कीजिए, गाएं-नाचें, योगा, मोडिटेशन अथवा प्रणायम कीजिए। इनमें से कुछ भी काम देगा। जब कोई विचार आता है तो तत्काल चले भी जाते हैं। बशर्तें आप विचार के साक्षी बने रहे, उसके भागीदार न बनें। विचार आते हैं और चले जाते हैं पर चेतना के जिस पर्दें पर यह खेल चलता है वह आत्मा है। और यही असली आप है। आप आकश की तरह और विचार उस पर उमड़ने वाले बादल की तरह हैं। आसमान में बादल आते-जाते रहते हैं लेकिन, क्या वे आकाश के विराट अस्तित्व को किसी तरह विचलित या सीमित कर सकते हैं। नहीं, बिल्कुल नहीं। जब आप बादलों के ऊपर जाते हैं तो देखते हैं कि आकाश अछूता है। केवल विचार उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। मेडिटेशन में केवल विचारों के साक्षी बनते हैं। उनसे खुद को नहीं जोड़ते। विचार चाहे अच्छे हों या बुरे वे आते हैं और चले जाते हैं। आप इनसे बहुत ऊपर और इनसे परे हैं।
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