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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Mar 2nd 2021, 11:15 by sandhya shrivatri
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एक व्यापारी का बहुत उद्दंड बेटा था। वह पूजा-पाठ और भलाई के कामों में बिल्कुल रूचि नहीं लेता था। धर्म-कर्म में उसकी रूचि जगाने के इरादे से उसकी मां ने उसे एक मंदिर में संत के प्रवचन सुनने के लिए भेजा। उसकी मां ने उसे लालच दिया कि अगर वह संत के पूरे प्रवचनं सुनकर आएगा तो वह उसे हजार रूपए देगी। रूपयों के लालच में बेटा तैयार हो गया, लेकिन ध्यान से प्रवचन सुनने के बजाय वह वहां पूरे समय सोता रहा। अगले दिन सुबह, उसका बेटा घर लौटा और उसने मां से हजार रूपए ले लिए। रूपए लेकर उसने व्यापार के लिए समुद्र पार जाने का निश्चय किया। उसकी मां ने उसे रोकने का बहुत प्रयास किया, लेकिन बेटे ने उसकी एक नहीं सुनी। उसने आपना सामान बांधा और यात्रा पर निकल पड़ा।
मगर अफसोस रास्ते में बहुत तेज तुफान आया और उसका जहाज सारे यात्रियों समेत डूब गया। इस प्रकार मां की सलाह न मानने की सजा बेटे को भुगतनी पड़ी।
मगर अफसोस रास्ते में बहुत तेज तुफान आया और उसका जहाज सारे यात्रियों समेत डूब गया। इस प्रकार मां की सलाह न मानने की सजा बेटे को भुगतनी पड़ी।
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