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Maa sharda college of computer science:-!! आपकी मेहनत हमारा !! mo: 8305282867
created Mar 1st 2021, 04:20 by Nitin tkg
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एक बार गाॅँँव के दो व्यक्तियों ने शहर जाकर पैसे कमाने का निर्णय लिया. शहर जाकर कुछ महीने इधर-उधर छोटा-मोटा काम कर दोनों ने कुछ पैसे जमा किये. फिर उन पैसों से अपना-अपना व्यवसाय प्रारंभ किया दोनों का व्यवसाय चल पड़ा दो साल में ही दोनाें ने उच्छी खासी तरक्की कर ली. व्यवसाय फलता-फूलता देख पहले व्यक्ति ने सोचा कि अब तो मेरा काम चल पड़ा है। अब तो मैैंं तरक्की की सीढ़ियाँ चढ़ता चला जाऊंगा. लेकिन उसकी सोच के विपरीत व्यापारिक उतार-चढ़ाव के कारण उसे उस साल अत्याधिक घाटा हुआ।
अब तक आसमान में उड़ रहा वह व्यक्ति यथार्थ के धरातल पर आ गिरा वह उन सबने पहले उसने दूसरे व्यक्ति के व्यवसाय की स्थिति का पता लगाया, जिसने उसके साथ ही व्यापार आरंभ किया था, वह यह जानकर हैरान रह गया कि इस उतार-चढ़ाव और मंदी के दौर मे भी उसका व्यवसाय मुनाफे मे है, उसने तुरंत उसके पास जाकर इसका कारण जानने का निर्णय लिया, अगले ही दिन वह दूसरे व्यक्ति के पास पहुंचा।
दूसरे व्यक्ति ने उसका खूब आदर-सत्कार किया और उसके आने का कारण पूछा। तब पहला व्यक्ति बोला, दोस्त। इस वर्ष मेरा व्यवसाय बाजार की मार नही झेल पाया. बहुत घाटा हो गया तुम भी तो इसी व्यवसाय मे हो तुमने ऐसा क्या किया कि इस उतार-चढ़ाव के दौर में भी तुमने मुनाफा कमाया। यह बात सुन दूसरा व्यक्ति बोला, भाई में तो बस सीखता जा रहा हूं अपनी गलती से भी और साथ ही दूसरों की गलतियों से भी, जो समस्या समाने आती है, उसमें से भी सीख लेता हूं इसलिए जब दोबारा वैसी समस्या सामने आती है, तो उसका सामना अच्छे से कर पाता हू और उसके कारण मुझे नुकसान नहीं उठाना पड़ता. बस ये सीखने की प्रवृत्ति ही है, जो मुझे जीवन में आगे बढ़ाती जा रही है, दूसरे व्यक्ति की बात सुनकर पहले व्यक्ति को अपनी भूल का अहसास हुआ. सफलता के मद में वो अति-विश्वास से भर उठा था और सीखना छोड़ दिया था वह यह प्रण कर वापस लौटा कि कभी सीखना नहीं छोड़ेगें. उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, और तरक्की की सीढि़यों चढ़ता चला गया.
अब तक आसमान में उड़ रहा वह व्यक्ति यथार्थ के धरातल पर आ गिरा वह उन सबने पहले उसने दूसरे व्यक्ति के व्यवसाय की स्थिति का पता लगाया, जिसने उसके साथ ही व्यापार आरंभ किया था, वह यह जानकर हैरान रह गया कि इस उतार-चढ़ाव और मंदी के दौर मे भी उसका व्यवसाय मुनाफे मे है, उसने तुरंत उसके पास जाकर इसका कारण जानने का निर्णय लिया, अगले ही दिन वह दूसरे व्यक्ति के पास पहुंचा।
दूसरे व्यक्ति ने उसका खूब आदर-सत्कार किया और उसके आने का कारण पूछा। तब पहला व्यक्ति बोला, दोस्त। इस वर्ष मेरा व्यवसाय बाजार की मार नही झेल पाया. बहुत घाटा हो गया तुम भी तो इसी व्यवसाय मे हो तुमने ऐसा क्या किया कि इस उतार-चढ़ाव के दौर में भी तुमने मुनाफा कमाया। यह बात सुन दूसरा व्यक्ति बोला, भाई में तो बस सीखता जा रहा हूं अपनी गलती से भी और साथ ही दूसरों की गलतियों से भी, जो समस्या समाने आती है, उसमें से भी सीख लेता हूं इसलिए जब दोबारा वैसी समस्या सामने आती है, तो उसका सामना अच्छे से कर पाता हू और उसके कारण मुझे नुकसान नहीं उठाना पड़ता. बस ये सीखने की प्रवृत्ति ही है, जो मुझे जीवन में आगे बढ़ाती जा रही है, दूसरे व्यक्ति की बात सुनकर पहले व्यक्ति को अपनी भूल का अहसास हुआ. सफलता के मद में वो अति-विश्वास से भर उठा था और सीखना छोड़ दिया था वह यह प्रण कर वापस लौटा कि कभी सीखना नहीं छोड़ेगें. उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, और तरक्की की सीढि़यों चढ़ता चला गया.
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