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बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0
created Jan 13th 2021, 05:22 by Sawan Ivnati
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एक जंगल में चार बैल रहते थे। उनमें गहरी मित्रता थी।शेर जब भी उन चारों को देखता तो यही सोचता, ‘कहीं मुझे कोई बैल अकेला मिल जाए तो मैं उसे मारकर खा जाऊं।‘ शेर की यह इच्छा कभी पूरी नहीं हुई, क्योंकि चारों हमेशा झुंड बनाकर रहते थे। उनके बड़े-बड़े सींग देखकर शेर दूर से ही जाता था। वह यह बात भली-भांति समझ गया था कि चारों के साथ रहते तो वह उनका सामना नहीं कर सकता। इसलिए वह कोई ऐसी योजना सोचने लगा जिससे उनकी मित्रता तोड़ी जाए। एक दिन वह एक बैल के पास गया और उससे बोला, तुम्हारे तीनों मित्र कहते हैं कि तुम सबसे निर्बल और मूर्ख हो। यह सुनकर बैल को बहुत बुरा लगा और उसने दूसरे बैलों से बोलना छोड़ दिया। शेर ने बाकी तीनों को भी इसी तरह भड़काया। चारों आपस में नाराज हो गए। तब शेर ने एक दिन एक बैल पर हमला कर दिया, पर बाकी बैल तुरंत उसकी सहायता को आ पहुंचे और उसे खदेड़ दिया। जब पहले बैल ने उनको धन्यवाद दिया तो वे बोले, हम मूर्ख नहीं हैं, जो शेर की चाल में आ जाते। एकता में ही बल है।
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