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साँई टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा, सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक- लकी श्रीवात्री मो0 नं.9098909565
created Jan 11th 2021, 10:35 by renukamasram
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संसार में जिन लोगों ने भी अपार धन-सम्पदा कमाई है वह उनकी प्रेरणा, उत्साह और साहस की बदौलत ही है। उनके पास प्रारम्भ में कुछ भी नहीं था। केवल इच्छाशक्ति, उत्साह, बुद्धिमत्ता और साहस ही ऐसी पूंजी है जिसकी बदौलत सौभाग्य के द्वार खुलते हैं। इन व्यक्तियों ने केवल सम्पत्ति कमाने में ही नहीं, अपितु समाज में प्रतिष्ठा प्रप्ति करने में भी किसी का सहारा नहीं लिया। उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति के बजाय केवल अपने आप पर ही भरोसा किया और सफलताएं अर्जित कीं। जितनी शक्ति मनुष्य के पास है उतनी किसी के पास नहीं है। अरस्तु का यह कथन एक दम ठीक है। शक्ति का अर्थ बल नहीं है। अगर बल के अर्थ में शक्ति को लिया जाएगा तो फिर हाथी और शेर मनुष्य से भी ज्यादा शक्तिशाली हो जाते हैं। शक्ति का अर्थ मानसिक बल है। मनुष्य में इसकी मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इसी कारण वह सारे संसार पर अपनी विजय पताका फहरा रहा है। उसने जमीन, आकाश, सब कुछ अपनी मुट्ठी में रख छोड़ा है। मानसिक बल का ही दूसरा रूप लगन है। लगन के साथ आत्म-विश्वास मिलकर सब कुछ इतना मजबूत बना देता है कि मनुष्य जो भी निश्चय कर लेता है वह पूरा करके रहता है।
आप अपनी सन्तान के लिए अच्छी-से-अच्छी सुविधा उपलब्ध कराके उसे बड़ा आदमी बनाना चाहते हैं, परन्तु आपके परिश्रम और धन के व्यय से ही यह सम्भव नहीं। जरूरत होती है, उस बच्चे के परिश्रम की। जब तक वह परिश्रम नहीं करेगा, ढंग से पढ़ाई में मन नहीं लगाएगा तब तक माता-पिता की मेहनत व धन का सार्थक परिणाम नहीं दे सकेगा। हर मनुष्य तब ही सफल होता है, जब दृढ़ संकल्पों द्वारा कार्य-सिद्धि हेतु प्रयत्न करे। ऐसा कोई मनुष्य नहीं है, जिसने प्रयत्न किया हो और सफलता ने उसके लिए अपने द्वार न खोले हों। यह अलग बात है कि लक्ष्य-प्राप्ति में केवल दृढ़ निश्चय ही नहीं साहस की भी जरूरत होती है बहुत-से व्यक्तियों ने अपना जीवन नितान्त अभावों से प्रारम्भ किया है। तथा विपरीत परिस्थितियों से प्रेरणा पाकर वे सफलता के शिखर तक पहुँचे है। सच्ची लगन वाले व्यक्ति के लिए किसी भी प्रकार के कठिन लक्ष्य तक पहुंचना असम्भव नहीं। संसार में जिन लोगों ने भी अपार धन-सम्पत्ति कमाई है वह उनकी प्रेरणा, उत्साह और साहस की बदौलत ही है। उनके पास प्रारम्भ में कुछ भी नहीं था। केवल इच्छाशक्ति, उत्साह, बुद्धिमत्ता और साहस ही ऐसी पूंजी है जिसकी बदौलत सौभाग्य के द्वार खुलते हैं। इन व्यक्तियों ने केवल सम्पत्ति कमाने में ही नहीं, अपितु समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने में भी किसी का सहारा नहीं लिया। उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति के बजाय केवल अपने आप पर ही भरोसा किया और सफलताएं अर्जित की।
आप अपनी सन्तान के लिए अच्छी-से-अच्छी सुविधा उपलब्ध कराके उसे बड़ा आदमी बनाना चाहते हैं, परन्तु आपके परिश्रम और धन के व्यय से ही यह सम्भव नहीं। जरूरत होती है, उस बच्चे के परिश्रम की। जब तक वह परिश्रम नहीं करेगा, ढंग से पढ़ाई में मन नहीं लगाएगा तब तक माता-पिता की मेहनत व धन का सार्थक परिणाम नहीं दे सकेगा। हर मनुष्य तब ही सफल होता है, जब दृढ़ संकल्पों द्वारा कार्य-सिद्धि हेतु प्रयत्न करे। ऐसा कोई मनुष्य नहीं है, जिसने प्रयत्न किया हो और सफलता ने उसके लिए अपने द्वार न खोले हों। यह अलग बात है कि लक्ष्य-प्राप्ति में केवल दृढ़ निश्चय ही नहीं साहस की भी जरूरत होती है बहुत-से व्यक्तियों ने अपना जीवन नितान्त अभावों से प्रारम्भ किया है। तथा विपरीत परिस्थितियों से प्रेरणा पाकर वे सफलता के शिखर तक पहुँचे है। सच्ची लगन वाले व्यक्ति के लिए किसी भी प्रकार के कठिन लक्ष्य तक पहुंचना असम्भव नहीं। संसार में जिन लोगों ने भी अपार धन-सम्पत्ति कमाई है वह उनकी प्रेरणा, उत्साह और साहस की बदौलत ही है। उनके पास प्रारम्भ में कुछ भी नहीं था। केवल इच्छाशक्ति, उत्साह, बुद्धिमत्ता और साहस ही ऐसी पूंजी है जिसकी बदौलत सौभाग्य के द्वार खुलते हैं। इन व्यक्तियों ने केवल सम्पत्ति कमाने में ही नहीं, अपितु समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने में भी किसी का सहारा नहीं लिया। उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति के बजाय केवल अपने आप पर ही भरोसा किया और सफलताएं अर्जित की।
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