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बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0
created Oct 29th 2020, 09:55 by Sawan Ivnati
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एक बार की बात है, एक नाजुक चूजा जंगल में सैर के लिए निकला। वह देवदार के पेड़ के नीचे से जा रहा था तभी अचानक एक फल उसके सिर पर आ गिरा। नाजुक चूजे ने समझा कि हो न हो आसमान गिर रहा है। भयभीत होकर वह दौड़ने लगा। उसने जंगल के राजा शेर को यह बताने का निर्णय किया और तेजी से दौड़ने लगा। उसे बेतहाशा भागते देखकर मुर्गी ने पूछा, अरे! ओ नाजुक चूजे, कहाँ दौड़े जा रहे हो? हांफता-हांफता नाजुक चूजा बोला, आह! आसमान गिर रहा है, भाग मैं शेर भाई को सूचित करने जा रहा हूँ। मुर्गी भी नाजुक चूजे के साथ हो ली। मार्ग में उनकी मुलाकात बतख से हुई। सारी बातें जानकर वह भी इनके साथ दौड़ने लगी। चलते-चलते उन्हें लोमड़ी मिली। उसने पूछा, अरे भाई, तुम सब कहां जा रहे हो? उन तीनों ने कहा, हम लोग शेर को बताने जा रहे हैं कि आसमान गिर रहा है। लोमड़ी उन तीनों को शेर के पास ले गई। शेर सभी के साथ उस पेड़ के नीचे आया तभी फिर से देवदार का एक फल नाजुक चूजे पर गिरा और वह घबराकर चिल्लाया, आह! वह देखो, आसमान गिर रहा है। यह सुनकर सभी एक साथ हँसने लगे।
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