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सॉंई टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Oct 28th 2020, 07:30 by lucky shrivatri
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एक समय की बात है एक ग्वालिन सिर पर दूध का मटका रखे, दूध बेचने बाजार जा रही थी। रास्ते में चलते-चलते उसके मन में कुछ ख्याल आया। दूध बेचने से मिलने वाले पैसे का वह मन ही मन हिसाब लगाने लगी। उसने सोचा, मैं दूध बेचने से मिले पैसों से कुछ मुर्गियां खरीदूंगी। समय के अंतराल में मुर्गियां अंडे देंगी और मैं उन्हें फिर बेच दूंगी। अंडे बेचने से जो पैसे मिलेंगे उनसे मैं अपने लिए एक सुंदर सा लहंगा और चोली खरीदूंगी। उसे पहनकर मैं बाजार जाऊंगी।
वह और सपने बुनने लगी, एक युवक मुझ देखकर मेरे पास आएगा और मुझसे बात करने की कोशिश करेगा। तब मैं भी अपनी शान दिखाऊंगी और जोर से अपना चेहरा दूसरी ओर फेर लूंगी- ऐसा सोचते हुए उसने अपना चेहरा एक झटके से पीछे घुमा लिया। सिर पर रखा दूध का मटका झटका खाकर नीचे गिर कर फूट गया और सारा दूध बिखर गया। ग्वालिन के पास दुखी होने के अलावा कुछ नहीं था।
वह और सपने बुनने लगी, एक युवक मुझ देखकर मेरे पास आएगा और मुझसे बात करने की कोशिश करेगा। तब मैं भी अपनी शान दिखाऊंगी और जोर से अपना चेहरा दूसरी ओर फेर लूंगी- ऐसा सोचते हुए उसने अपना चेहरा एक झटके से पीछे घुमा लिया। सिर पर रखा दूध का मटका झटका खाकर नीचे गिर कर फूट गया और सारा दूध बिखर गया। ग्वालिन के पास दुखी होने के अलावा कुछ नहीं था।
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