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बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0
created Oct 28th 2020, 05:11 by Sawan Ivnati
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मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में रैलियों पर रोक लगने से राजनीतिक दल बेहद परेशान थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है. सर्वोच्च अदालत ने मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा 21 अक्टूबर को दिए गए आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस एएस खानविलकर की बेंच ने चुनाव आयोग, भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुन्ना लाल गोयल की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि कोविड 19 की राज्य में हालात के मद्देनजर आप जरूरी कदम उठाएं. अगर आपने समय रहते जरूरी कदम उठाए होते तो हाईकोर्ट को दखल देने की जरूरत ही नहीं पड़ती. कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि इलेक्शन कमीशन होने के नाते आपकी जिम्मेदारी बड़ी है. आपको स्थिति पर नजर रखनी है, देखना है कि कहां गड़बड़ी हो रही है और अथॉरिटी को उसके मुताबिक निर्देश देने है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सामने याचिकाकर्ताओ ने जो उठाए हैं, आपने उन पर गौर करते हुए ज़रूरी कदम उठाए? कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने अगर प्रोटोकॉल का पालन किया होता तो ऐसे हालात नहीं बनते.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव से पहले हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. चुनाव आयोग का कहना था कि चुनाव कराना उसका डोमेन है और हाईकोर्ट का ये फैसला मतदान की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि रैलियों की अनुमति तभी दी जा सकती है, जब वर्चुअल मीटिंग संभव न हो. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मद्देनजर अब जरूरी कदम उठाने का फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है. सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद अब 9 जिलों अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर व विदिशा में नेता फिर से चुनावी रैली कर सकेंगे.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव से पहले हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. चुनाव आयोग का कहना था कि चुनाव कराना उसका डोमेन है और हाईकोर्ट का ये फैसला मतदान की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि रैलियों की अनुमति तभी दी जा सकती है, जब वर्चुअल मीटिंग संभव न हो. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मद्देनजर अब जरूरी कदम उठाने का फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है. सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद अब 9 जिलों अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर व विदिशा में नेता फिर से चुनावी रैली कर सकेंगे.
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