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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Oct 27th 2020, 05:50 by my home
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रामू सबसे पहले आईने के सामने खड़ा हो जाता था और सुबह-सुबह कहता है कि मुझसे ज्यादा दुखी आदमी इस दुनिया में कोई नहीं होगा मैं हर रोज काम की तलाश में जाया करता था लेकिन उसे कोई काम मिलता ही नहीं था। इसी वजह से बहुत परेशान था वही सोचा करता था कि मुझे कभी काम मिलता है और कभी काम नहीं मिलता है इससे मेरी परेशानियां धीरे-धीरे बढ़ रही है जिससे कि मैं मुसीबतों का सामना कर पा रहा हूं।
वह अपने जीवन में बहुत दुखी हो चुका था। वह हर तरफ से परेशान था मुसीबतें उसके सामने खड़ी रहती थी उसे कोई भी समाधान नहीं मिल रहा था वही सोचता रहता था। कि मेरी जिंदगी में खुशियां कब आएंगी। मैं कब अच्छी तरह से रह पाऊंगा घर में अकेला ही रहता था उसका घर गांव की तीसरी गली में दूसरे मकान पर पड़ता था। सभी लोग हर रोज देखा करते थे और उसे हमेशा यही कहते थे कि तुम्हें एक ऐसा काम तलाश करना चाहिए जिससे कि तुम हर रोज करते रहो।
वह आदमी यही कहता था कि आप समझ नहीं रहे हैं गांव में इतना काम नहीं है मेरे पास कोई खेती तो नहीं है जिससे मैं पूरी करके अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी कर पाऊं। मेरे पास तो सिर्फ एक छोटा सा मकान है जिसमें मैं रहता हूं। और मेरे पास इसके अलावा कोई जरिया भी नहीं है।
वह अपने जीवन में बहुत दुखी हो चुका था। वह हर तरफ से परेशान था मुसीबतें उसके सामने खड़ी रहती थी उसे कोई भी समाधान नहीं मिल रहा था वही सोचता रहता था। कि मेरी जिंदगी में खुशियां कब आएंगी। मैं कब अच्छी तरह से रह पाऊंगा घर में अकेला ही रहता था उसका घर गांव की तीसरी गली में दूसरे मकान पर पड़ता था। सभी लोग हर रोज देखा करते थे और उसे हमेशा यही कहते थे कि तुम्हें एक ऐसा काम तलाश करना चाहिए जिससे कि तुम हर रोज करते रहो।
वह आदमी यही कहता था कि आप समझ नहीं रहे हैं गांव में इतना काम नहीं है मेरे पास कोई खेती तो नहीं है जिससे मैं पूरी करके अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी कर पाऊं। मेरे पास तो सिर्फ एक छोटा सा मकान है जिसमें मैं रहता हूं। और मेरे पास इसके अलावा कोई जरिया भी नहीं है।
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