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बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट छिन्दवाड़ा सीपीसीटी प्रवेश प्रांरभ मो.नं.8982805777 संचालक सचिन बंसोड
created Oct 27th 2020, 02:04 by Ashu Soni
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वर्ष 2002 के गुजरात दंगों की जांच करने वाली एसआईटी के प्रमुख आर के राघवन ने एक नई किताब में कहा है कि उस समय राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी नौ घंटे लंबी पूछताछ के दौरान लगातार शांत व संयत बने रहे और पूछे गए करीब 100 सवालों में से हर एक का उन्होंने जवाब दिया था। इस दौरान उन्होंने जांचकर्ताओं की एक कप चाय तक नहीं ली थी। राघवन ने अपनी आत्मकथा ए रोड वेल ट्रैवल्ड में लिखा है कि मोदी पूछताछ के लिए गांधीनगर में एसआईटी कार्यालय आने के लिए आसानी से तैयार हो गए थे और वह पानी की बोतल स्वयं लेकर आए थे। गुजरात दंगों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी (विशेष जांच दल) का प्रमुख बनने से पहले राघवन प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के प्रमुख भी रह चुके थे। वह बोफोर्स घोटाला, वर्ष के 2000 दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट-मैच फिक्सिंग मामला और चारा घोटाला से संबंधित मामलों की जांच से भी जुड़े रहे थे। राघवन ने अपनी किताब में उस समय का जिक्र किया है जब एसआईटी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में मोदी को पूछताछ के लिए बुलाया था। राघवन ने लिखा है कि हमने उनके स्टाफ को यह कहा था कि उन्हें (मोदी को) इस उद्देश्य के लिए खुद एसआईटी कार्यालय में आना होगा और कहीं और मिलने को पक्षपात के तौर पर देखा जाएगा। राघवन ने कहा, उन्होंने (मोदी) हमारे रुख की भावना को समझा और गांधीनगर में सरकारी परिसर के अंदर एसआईटी कार्यालय में आने के लिए आसानी से तैयार हो गए। पूर्व पुलिस अधिकार ने कहा कि उन्होंने एक असामान्य कदम उठाते हुए एसआईटी सदस्य अशोक मल्होत्रा को पूछताछ करने के लिए कहा ताकि बाद में उनके और मोदी के बीच कोई करार होने का शरारतपूर्ण आरोप नहीं लग सके। राघवन ने कहा, इस कदम का महीनों बाद और किसी ने नहीं बल्कि न्याय मित्र हरीश साल्वे ने समर्थन किया। उन्होंने मुझसे कहा था कि मेरी उपस्थितिति से विश्वसनीयता प्रभावित होती।
तमिलनाडु कैडर के अवकाशप्राप्त आईपीएस अधिकारी ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय था, जो अंतर्मन से था। उन्हें 2017 में साइप्रस में उच्चायुक्त भी नियुक्त किया गया था। राघवन ने कहा, मोदी से पूछताछ एसआईटी कार्यालय में मेरे कक्ष में नौ घंटे तक चली। मल्होत्रा ने बाद में मुझे बताया कि देर रात समाप्त हुयी पूछताछ के दौरान मोदी शांत और संयत बने रहे।
तमिलनाडु कैडर के अवकाशप्राप्त आईपीएस अधिकारी ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय था, जो अंतर्मन से था। उन्हें 2017 में साइप्रस में उच्चायुक्त भी नियुक्त किया गया था। राघवन ने कहा, मोदी से पूछताछ एसआईटी कार्यालय में मेरे कक्ष में नौ घंटे तक चली। मल्होत्रा ने बाद में मुझे बताया कि देर रात समाप्त हुयी पूछताछ के दौरान मोदी शांत और संयत बने रहे।
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