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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्‍येय✤|•༻

created Oct 19th 2020, 05:47 by my home


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प्राचीन समय की बात है। उस समय मगध पर रिपुदमन नामक राजा राज्‍य करता था। वह अपने मंत्रियों को पूरा सम्‍मान देता था तथा उनकी प्रत्‍येक राय पर गंभीरतापूर्वक विचार किए बिना कोई निर्णय नहीं लेता था। जब रिपुदमन बूढ़ा होने लगा तो उसने अपने वरिष्‍ठ एवं विश्‍वासपात्र मंत्रियों की सलाह लेने के पश्‍चात उसने ज्‍येष्‍ठ पुत्र शौर्यवीर को गद्दी पर बिठा दिया। शौर्यवीर के दरबार में अखिलेष्‍वर शर्मा उसके पिता के समय से ही महामंत्री के पद पर नियुक्‍त था।
    रिपुदमन शौर्यवीर से कह रखा थाप कि वह कोई भी महत्‍वपूर्ण निर्णय लेते समय महामंत्री अखिलेष्‍वर शर्मा की राय अवश्‍य ले।  
    राज्‍य के अन्‍य मंत्री अखिलेष्‍वर शर्मा से ईर्ष्‍या करते थे। वे अखिलेष्‍वर शर्मा को महामंत्री के पद पर देखकर राजी नहीं थे तथा उन्‍हें पद से हटाने की तुच्‍छ रणनीति बनाने में लगे रहते थे। उन्‍होंने राजा को सलाह दी कि वह महामंत्री अखिलेष्‍वर शर्मा को पद से मुक्‍त कर दें क्‍योंकि वे अब बूढ़े हो गए हैं और उनकी बुद्धि अब क्षीण हो गई है। राज्‍य के महत्‍वपूर्ण निर्णय लेने में वे अब सक्षम नहीं हैं।  
    युवा राजा शौर्यवीर मंत्रियों की चाल में गए। उन्‍होंने अखिलेष्‍वर शर्मा को उनके पद से हटाकर विष्‍णुधर को उनके स्‍थान पर महामंत्री बना दिया। विष्‍णुधर अखिलेष्‍वर शर्मा के समान योग्‍न नहीं था। बात महाराज के पिता रिपुदमन के पास पहुंची। उनहें एक युक्ति सूझी। उन्‍होंने नए महामंत्री को बुलाया और कहा कि शाही बाग में एक कुतिया ने बच्‍चों को जन्‍म दिया है, तुम जाओ और पता करके आओ कि कुतिया ने कितने बच्‍चों को जन्‍म दिया है। विष्‍णुधर घोड़े पर सवार होकर शाही बाग में पहुंचा और अपना काम करके वापस राजमहल लौटा। महाराज के पिता रिपुदमन ने पूछा कि कुतिया ने कितने बच्‍चों को जन्‍म दिया है तो उन्‍होंने बताया कि कुतिया ने चार बच्‍चों को जन्‍म दिया है।

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