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बंसोड टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट शॉप नं. 42 आनंद हॉस्टिपटल के सामने, संचालक- सचिन बंसोड मो.नं.

created Oct 9th 2020, 05:02 by Sawan Ivnati


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ड्रग्‍स मामले में करीब एक महीना जेल में बिताने के बाद अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को आखिर बाम्‍बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। बालिवुड ऐक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्‍यमय मौत ने केवल ऐक्‍टर के मित्रों-परिजनों और उनके लाखों प्रशंसकों को बल्कि दो राज्‍यों की पुलिस और सरकार के साथ-साथ कई केंद्रीय एजेंसियों को भी लंबे समय तक उलझाए रखा है। सुशांत के रूप में एक प्रतिभाशाली अभिनेता का असमय जाना निश्‍चय ही दुखद और दुर्भाग्‍यपूर्ण था लेकिन इस घटना के बाद विभिन्‍न तबकों से जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हुईं और फिर घटनाक्रम जैसा बनता गया, उस पर बाद में ठहरकर सोच-विचार करना होगा। फिलहाल यहां इतना ही कहा जा सकता है कि इस पूरे प्रकरण में जिस तरह सारा ध्‍यान एक व्‍यक्ति पर केंद्रित हो गया, उससे एक गलत परंपरा की शुरुआत हो सकती है। अभी काफी हद तक स्‍पष्‍ट हो गया है कि सुशांत सिंह राजपूत के साथ लगभग एक साल से लिव-इन में रह रहीं उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पर कुछ ऐसे आरोप भी लगाए गए जिनका कोई ठोस सबूत अभी तक नहीं मिल पाया है। हत्‍या और पैसे की हेराफेरी के आरोपों की जांच के क्रम में कुछ पुराने वॉट्सऐप चैट्स के जरिए उन पर ड्रग्‍स खरीदने में प्रत्‍यक्ष या परोक्ष भूमिका निभाने के नए आरोप लगे, जिनमें उनकी गिरफ्तारी हुई और जमानत मिलने की वजह से एक महीना जेल में रहना पड़ा। ड्रग्‍स से जुड़े मामलों में कई हाईकोर्ट अतीत में यह व्‍यवस्‍था दे चुके हैं कि अगर जब्‍त नशीले पदार्थों की मात्रा ज्‍यादा हो और व्‍यावसायिक इस्‍तेमाल का मकसद पुष्‍ट हो रहा हो तो जमानत दे दी जानी चाहिए। एक पखवाड़ा भी नहीं हुआ जब स्‍पेशल एनडीपीएस कोर्ट ने मुंबई में ही कथित तौर पर नशे के कारोबार से जुड़े तीन लोगों को इस आधार पर जमानत दे दी कि उनके पास से बरामद माल की मात्रा मध्‍यम थी। लेकिन रिया चक्रवर्ती के पास से तो ड्रग्‍स की कोई भी मात्रा बरामद नहीं हुई थी। बावजूद इसके उनके खिलाफ कानून की इतनी कड़ी धाराएं लगाई गईं कि निचली अदालतों के लिए जमानत देना मुश्किल हो गया। आम धारणा यही है कि जिन मामलों में अपराध गंभीर हो और सबूतों से छेड़छाड़ का डर हो, उनमें जमानत देने पर उदारता से विचार होना चाहिए। बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने रिया को जमानत देकर इस मामले में अच्‍छी मिसाल पेश की है। जमानत के साथ कुछ महत्‍वपूर्ण शर्तें जोड़कर हाईकोर्ट ने इस आशंका को लगभग समाप्‍त कर दिया है कि बाहर आने के बाद रिया गवाहों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि इसके बावजूद एनसीबी ने संकेत दिया है कि इस फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा।  

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