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साँई टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Sep 25th 2020, 08:51 by rajni shrivatri
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एक बकरी अपने शैतान बच्चे के साथ रहती थी। एक दिन सुबह, उछलते-कूदते मेमना जंगल की ओर चला गया। उसकी मां ने बच्चे को काफी मना किया कि वह घने-अंधेरे जंगल में अकेले न जाए। उसने कहा, वहां बहुत सारे जंगली और खतरनाक जानवर होंगे। बेटे वहां अकेले मत जाओ मां चिंता मत करो। मैं ज्यादा दूर नहीं जाऊगा। मेमने ने जवाब दिया। नन्हा मेमना उछल-कूद करते हुए खेल में मग्न हो गया उसे पता ही नहीं चला कि वह जंगल में कितने दूर आ गया है। जल्द ही अंधेरा हो गया।
अब वह वापस अपनी मां के पास जाना चाहता था, लेकिन बेचारा घबराया मेमना रास्ता भूल गया। वह गुम हो चुका था और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। वह अपनी मां को पुकारते हुए चिल्लाने लगा। उसे अपने आरामदयाक घर की याद सताने लगी। उसे महसूस हुआ कि उसने अपनी मां की बात न मानकर बड़ी गलती कर दी। तभी एक भेडिया वहां आ पहुंचा और बोला, अरे आज रात तो मैं इसी मेमने का स्वादिष्ट गोश्त खाऊंगा। भेडि़या ने झपटकर मेमने काे दबोच लिया। बेचारे मेमने को अपनी मां की बात न मानने का दंड भुगतना पड़ा।
अब वह वापस अपनी मां के पास जाना चाहता था, लेकिन बेचारा घबराया मेमना रास्ता भूल गया। वह गुम हो चुका था और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। वह अपनी मां को पुकारते हुए चिल्लाने लगा। उसे अपने आरामदयाक घर की याद सताने लगी। उसे महसूस हुआ कि उसने अपनी मां की बात न मानकर बड़ी गलती कर दी। तभी एक भेडिया वहां आ पहुंचा और बोला, अरे आज रात तो मैं इसी मेमने का स्वादिष्ट गोश्त खाऊंगा। भेडि़या ने झपटकर मेमने काे दबोच लिया। बेचारे मेमने को अपनी मां की बात न मानने का दंड भुगतना पड़ा।
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