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kuldeep hindi typing
created Jan 20th 2018, 15:36 by KuldeepSingh1212
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मेघालय में एकला चलो की राह पर बीजेपी, असम से बढ़ गया है आत्मविश्वास
भाजपा ने मेघालय विधानसभा चुनाव में एकला चलो की राह पर चुनाव में उतरने का मन बना लिया है। त्रिपुरा और नागालैंड के साथ चुनाव आयोग ने पूर्वोतत्तर के अन्य राज्य मेघालय के विधानसभा चुनाव की तिथियों का भी ऐलान कर दिया है। यहां नागालैंड के साथ 27 फरवरी को मतदान होने है और वोटों की गिनती 3 मार्च को होगी। 60 सदस्यीय मेघालय विधनासभा चुनाव में भाजपा के एनपीपी से गठजोड़ के साथ चुनाव में उतरने की उम्मीद थी। मगर एनपीपी के साथ सीटों की उलझन को देखते हुए पार्टी ने चुनाव मैदान मे एकला चलो की तर्ज पर मैदान में उतरने का मन बनालिया है। सूत्र बताते हैं कि 70 प्रतिशत ईसाई समुदाय के बाहुल्य वाले राज्य में भाजपा चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन चुनाव बाद के लिए पार्टी ने गैर कांग्रेसी दलों के साथ अपने अवसर को खुला रखा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार मेघालय में पार्टी अकेले अपने दम पर मैदान में उतरेगी। असम से सटा राज्य होने की वजह से पार्टी को पूर्वोत्तर के इस राज्य में भी सफलता की उम्मीद है।
संगमा की पार्टी एनपीपी से सीटों पर नहीं बनी भाजपा की बात
सूत्र बताते हैं कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा की पार्टी एनपीपी के साथ सीट समझौते को लेकर भाजपा की बातचीत परवान नहीं चढ़ सकी है। इसलिए पार्टी ने अकेले अपने दम पर कांग्रेस को पटखनी देने की रणनीति बनाई है। पीए संगमा के निधन के बाद उनके पुत्र कोनराद शर्मा एनपीपी की कमान संभाल रहे हैं। मुकूल संमगा के नेतृत्व में यहां कांग्रेस की सरकार हैं। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस को 29 और यूडीपी को 8 सीटें को मिली थी। 13 सीटों पर निर्दलियों ने बाजी मारी थी।
डोकलाम में य़थास्थिति, दोनों देशों की सेनाएं जहां पर लौटी थीं वहीं पर है रवीश
डोकलाम में चीन की हरकतों के मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि ड़ोकलाम में यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि डोकलाम पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। कूटनीतिक प्रयासों के बाद दोनों देशों की सेनाएं जहां पर लौटी थीं, वहीं पर हैं। गौरतलब है कि डोकलाम में 73 दिनों तक चीन व भारत की सेनाएं एक दूसरे के समक्ष डटकर खड़ी रही थीं, । इस इलाके में चीनी सेना द्वारा सड़क बनाने पर उपजे विवाद के बाद भारतीय सेना वहां पहुंची थी। हालांकि उसके बाद कूटनीतिक कोशिशों के चलते दोनों देशों की सेना एक दूसरे के सामने से हट गई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक सवाल के जबाब मे कहा कि समझौते के बाद सेना जिस स्थिति में आई थीं, वह बरकरार हैं। उनसे पूछा गया था कि क्या चीन ने फिर से इस इलाके में कोई गतिविधि शुरू की है। उन्होंने कयासों को बेबुनियाद बताते हुए, कहा कि यथास्थिति कायम है।
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
डोकलाम विवादः भारत लगातार बातचीत करता रहेगा
इससे पहले डोकलाम सीमा पर चीनी सैनिकों की फिर से तैनाती की खबरों पर कांग्रेस ने चिंता जाहिर करते हुए एनडीए सरकार की सुरक्षा रणनीति पर सवाल उठाये थे। पार्टी के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर राजनीतिक दलों का नजरिया सरकार से अलग नहीं हो सकता, लेकिन मोदी सरकार की लचर सुरक्षा रणनीति की वजह से डोकलाम को लेकर चिंता का सवाल, उठाना लाजिमी है। खासकर यह देखते हुए कि सेटेलाइट तस्वीरों में डोकलाम में भारतीय सीमा से 10 मीटर दूरी चीनी सैनिकों की मौजूदगी पहले से कहीं ज्यादा बताई जा रही हैं।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सामने आयी खबरों से यह साफ है कि चीनी सेना डोकलाम में न केवल सैन्य कैंप बना लिया है, बल्कि पूरे डोकलाम घाटी को अपने नियंत्रण में ले लिया है। सात हेलीपैड, कई दर्जन बख्तरदंर सैन्य गाड़ियों के साथ एक सीमेंट से बना टावर भी चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा से 10 मीटर की दूरी पर बनाया है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पास में ही कुछ ऐसे पार्किंग स्थए गए हैं जहां हल्के टैंक को रखा जा सकता है। सुरजेवाला ने चीनी सेना की इन गतिविधियों का हवाला देते हुए पूछा कि मोदी सरकार या रक्षा मंत्रालय को इस बारे में कुछ मालूम है।
यूपीडा की ओर से प्रस्तावित दरों को मंजूरी दे दी गई। बैठक के बाद औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि टोल टैक्स की दरों का निर्धारण एक तय फॉर्मले के तहत किया गया है।
लखलऊ (जेएनएन)। शासन ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स की दरें तय कर दी हैं। वहीं एक्सप्रेस वे पर विभिन्त्र श्रेणियों के वाहनों के लिए निर्धारित की गई टोल टैक्स की दरों मे मार्च तक 25 प्रतिशत की छूट देने का भी फैसला किया है। एक्सप्रेम वे पर टोल टैक्स की दरें 19 जनवरी की मध्य रात्रि से लागू होगीं।
उप्र एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने एक्सप्रेस वे पर वसूली जाने वाली टोल टैक्स की जो दरें, प्रस्तावित की थीं, उस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए सोमवार को शासन में बैठक हुई। बैठक में यूपीडा की ओर से प्रस्तावित दरों को मंजूरी दे दी गई। बैठक के बाद औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि टोल टैक्स की दरों का निर्धारण एक तर फॉर्मले के तहत किया गया है।
सरकार ने एक्सप्रेस वे पर वाहलों के लिए तय की गई टोल टैक्स की दरों पर मार्च तक 25 फीसद की छूट देने का फैसला किया है। इस छूट के बाद एक्सप्रेस वे पर कास, जीप, वैन या हल्के मोटर वाहन से आगरा से लखनऊ या लखनऊ से आगरा जाने पर एक तरफ का टोल टैक्स 570 रूपये वसूला जाएगा। इसी तरह अन्य श्रेणियों के वाहनों के लिए भी छूट के बाद वसूले जाने वाले टोल टैक्स की दरें तय की गई है। एक से दूसरे छोर तक जाने की बजाय एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्से का इस्तेमाल करने वाले वाहनों से तय की गई दूरी के आधार पर समानुपातिक रूप से टोल टैक्स वसूला जाएगा। महाना ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रचलित व्यवस्था की तरह आगरा एक्सप्रेस वे पर भी विशिष्ट व्यक्तियों, सरकारी वाहनों, एम्बुलेंस आदि वाहनों को टोल टैक्स से पूरी छूट दी जाएगी। दोपहिया वाहनों को 50 फीसद छूटः महाना ने कहा कि एक्सप्रेस वे पर सामान्यतः दोपहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होता है। फिर भी यदि कोई दोपहिया वाहन एक्सप्रेस वे पर आता है तो उससे कार, जीप और हल्के मोटर वाहन के लिए निर्धारित दर का 50 फीसद टोल टैक्स वसूला जाएगा. इस हिसाब से आगरा से लखनऊ जाने वाले दोपहिया वाहन से 285 रूपये टोल टैक्स वसूला जाएगा।
समय और ईंधन की बचत
महाना ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पास वाहनों के लिए निर्धारित टोल टैक्स की दरों को औचित्यपूर्ण ठहराते हुए कहा कि लखनऊ-कानपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल दूरी 364 किलोमीटर और अभी इस पर कार से लखनऊ से आगरा आने पर 390 रूपए टोल टैक्स वसूला जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की तुलना में 62 किमी की अधिक दूरी तय करनी पड़ती है जिसके कारण ईंधन पर लगभग 300 रूपये अधिक खर्च करने पड़ते हैं। वही एक्सप्रेसवे पर यात्रा से दो घंटे समय की बचत के साथ यात्रा भी सुविधाजनक होगी।
छूट की अवधि खत्म होने पर बढ़ सकती है दरें
सरकार के इस फैसले से तय है कि छूट की अवधि समाप्त होने पर टोल टैस्स की दरें बढ़ सकती हैं। ऐसा हुआ हो कार, जीप, वैन या हल्के मोटर वाहनों से 760 रूपये, हल्के व्यावसायिक यान, हल्के माल यान या मिनी बस से 1205 रूपए, बस या ट्रक से 2420 रूपये, भारी निर्माण कार्य मशीन, अर्थ मूविंग इक्किपमेंट्स और मल्टी एक्सल व्हीकल (तीन से छह एक्सल) से 3715 रूपये और विशाल आकार यान (सात या अधिक एक्सल) से 4770 रूपये टोल वसूला जाएगा। हालांकि महाना ने कहा कि मार्च के बाद एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक वाल्यूम के आधार पर दरों की समीक्षा की जाएगी।
कपिल देव ने कहा कि अगल पंड्या इस तरह की बेवकूफी भरी गलतियों करना जारी रखते हैं तो वो मेरे साथ तुलना के हक्कदार नहीं हैं।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने ऑलराउंडर हार्दिक पंडया को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, हार्दिक पांड्य से मेरी तुलना न करें। उनके मुताबिक अगर हार्दिक पांड्या सेंचुरियन टेस्ट में की गई बेवकूफी अगर पांडया ने भविष्य में दोहराई तो उनसे मेरी तुलना नहीं की जानी चाहिए।
कपिल देव ने मीडिया को बताया कि अगर पंडया इस तरह की बेवकूफी भरी गलतियां करना जारी रखते हैं तो वो मेरे साथ तुलना के हकदार नहीं हैं। दरअसल सेंचुरियन टेस्ट में दूसरी पारी में पंड्या के आउट होने के तरीके नाराज थे कपिल देवं। दूसरी पारी में पांड्या लुंगी नजीडी की एक बाहर जाती हुई गेंद को स्लिप के ऊपर से मारने के चक्कर में विकेट कीपर क्किंटन डि कॉक को कैच दे बैंठे थे। इसके पहले पहली पारी मे भी पंडया के रन आउट होने के बाद उनकी जमकर आलोचना हुई थी। क्योंकि वो लापरवाही के चलते रन आउट हुई क्योंकि वो टहलते हुए क्रीज में जा रहे थे और उनका बल्ला भी हवा में था।
कोहली ने कुछ इस तरह से भुगता केपटाउन में खराब प्रदर्शन का खामियाज़ा, पांड्या को मिली खुशी कपिल देव ने कहा हार्दिक एक अच्छे खिलाड़ी है लेकिन अगर वो छोटी-छोटी गललियों को बार-बार दोहराएंगे तो मैं उनसे अपने तुलना करना पसंद नहीं करूंगा कपिल देव से पहले संदीप पाटिल भी पंडया की तुलना कपिल देव के साथ करने पर आपत्ति कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि मै कपिल के साथ काफी क्रिकेट खेला हूं और मुझे तो इन दोनों में कोई समानता नहीं दिखाई देता ही कपिल देव से तुलना के लिए पांड्या को अभी बहुत लंबा सफर तय करना होगा। कपिल देव ने 15 सालों तक देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया हैं जिसमें से 1983 भारत को विश्वविजेता बनाना सबसे बड़ी उपलब्धि थी। जबकि पांड्य ने अभी सिर्फ अपना पांचवा टेस्ट मैंच खेला है।
भाजपा ने मेघालय विधानसभा चुनाव में एकला चलो की राह पर चुनाव में उतरने का मन बना लिया है। त्रिपुरा और नागालैंड के साथ चुनाव आयोग ने पूर्वोतत्तर के अन्य राज्य मेघालय के विधानसभा चुनाव की तिथियों का भी ऐलान कर दिया है। यहां नागालैंड के साथ 27 फरवरी को मतदान होने है और वोटों की गिनती 3 मार्च को होगी। 60 सदस्यीय मेघालय विधनासभा चुनाव में भाजपा के एनपीपी से गठजोड़ के साथ चुनाव में उतरने की उम्मीद थी। मगर एनपीपी के साथ सीटों की उलझन को देखते हुए पार्टी ने चुनाव मैदान मे एकला चलो की तर्ज पर मैदान में उतरने का मन बनालिया है। सूत्र बताते हैं कि 70 प्रतिशत ईसाई समुदाय के बाहुल्य वाले राज्य में भाजपा चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन चुनाव बाद के लिए पार्टी ने गैर कांग्रेसी दलों के साथ अपने अवसर को खुला रखा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार मेघालय में पार्टी अकेले अपने दम पर मैदान में उतरेगी। असम से सटा राज्य होने की वजह से पार्टी को पूर्वोत्तर के इस राज्य में भी सफलता की उम्मीद है।
संगमा की पार्टी एनपीपी से सीटों पर नहीं बनी भाजपा की बात
सूत्र बताते हैं कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा की पार्टी एनपीपी के साथ सीट समझौते को लेकर भाजपा की बातचीत परवान नहीं चढ़ सकी है। इसलिए पार्टी ने अकेले अपने दम पर कांग्रेस को पटखनी देने की रणनीति बनाई है। पीए संगमा के निधन के बाद उनके पुत्र कोनराद शर्मा एनपीपी की कमान संभाल रहे हैं। मुकूल संमगा के नेतृत्व में यहां कांग्रेस की सरकार हैं। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस को 29 और यूडीपी को 8 सीटें को मिली थी। 13 सीटों पर निर्दलियों ने बाजी मारी थी।
डोकलाम में य़थास्थिति, दोनों देशों की सेनाएं जहां पर लौटी थीं वहीं पर है रवीश
डोकलाम में चीन की हरकतों के मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि ड़ोकलाम में यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि डोकलाम पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। कूटनीतिक प्रयासों के बाद दोनों देशों की सेनाएं जहां पर लौटी थीं, वहीं पर हैं। गौरतलब है कि डोकलाम में 73 दिनों तक चीन व भारत की सेनाएं एक दूसरे के समक्ष डटकर खड़ी रही थीं, । इस इलाके में चीनी सेना द्वारा सड़क बनाने पर उपजे विवाद के बाद भारतीय सेना वहां पहुंची थी। हालांकि उसके बाद कूटनीतिक कोशिशों के चलते दोनों देशों की सेना एक दूसरे के सामने से हट गई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक सवाल के जबाब मे कहा कि समझौते के बाद सेना जिस स्थिति में आई थीं, वह बरकरार हैं। उनसे पूछा गया था कि क्या चीन ने फिर से इस इलाके में कोई गतिविधि शुरू की है। उन्होंने कयासों को बेबुनियाद बताते हुए, कहा कि यथास्थिति कायम है।
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
डोकलाम विवादः भारत लगातार बातचीत करता रहेगा
इससे पहले डोकलाम सीमा पर चीनी सैनिकों की फिर से तैनाती की खबरों पर कांग्रेस ने चिंता जाहिर करते हुए एनडीए सरकार की सुरक्षा रणनीति पर सवाल उठाये थे। पार्टी के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर राजनीतिक दलों का नजरिया सरकार से अलग नहीं हो सकता, लेकिन मोदी सरकार की लचर सुरक्षा रणनीति की वजह से डोकलाम को लेकर चिंता का सवाल, उठाना लाजिमी है। खासकर यह देखते हुए कि सेटेलाइट तस्वीरों में डोकलाम में भारतीय सीमा से 10 मीटर दूरी चीनी सैनिकों की मौजूदगी पहले से कहीं ज्यादा बताई जा रही हैं।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सामने आयी खबरों से यह साफ है कि चीनी सेना डोकलाम में न केवल सैन्य कैंप बना लिया है, बल्कि पूरे डोकलाम घाटी को अपने नियंत्रण में ले लिया है। सात हेलीपैड, कई दर्जन बख्तरदंर सैन्य गाड़ियों के साथ एक सीमेंट से बना टावर भी चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा से 10 मीटर की दूरी पर बनाया है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पास में ही कुछ ऐसे पार्किंग स्थए गए हैं जहां हल्के टैंक को रखा जा सकता है। सुरजेवाला ने चीनी सेना की इन गतिविधियों का हवाला देते हुए पूछा कि मोदी सरकार या रक्षा मंत्रालय को इस बारे में कुछ मालूम है।
यूपीडा की ओर से प्रस्तावित दरों को मंजूरी दे दी गई। बैठक के बाद औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि टोल टैक्स की दरों का निर्धारण एक तय फॉर्मले के तहत किया गया है।
लखलऊ (जेएनएन)। शासन ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स की दरें तय कर दी हैं। वहीं एक्सप्रेस वे पर विभिन्त्र श्रेणियों के वाहनों के लिए निर्धारित की गई टोल टैक्स की दरों मे मार्च तक 25 प्रतिशत की छूट देने का भी फैसला किया है। एक्सप्रेम वे पर टोल टैक्स की दरें 19 जनवरी की मध्य रात्रि से लागू होगीं।
उप्र एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने एक्सप्रेस वे पर वसूली जाने वाली टोल टैक्स की जो दरें, प्रस्तावित की थीं, उस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए सोमवार को शासन में बैठक हुई। बैठक में यूपीडा की ओर से प्रस्तावित दरों को मंजूरी दे दी गई। बैठक के बाद औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि टोल टैक्स की दरों का निर्धारण एक तर फॉर्मले के तहत किया गया है।
सरकार ने एक्सप्रेस वे पर वाहलों के लिए तय की गई टोल टैक्स की दरों पर मार्च तक 25 फीसद की छूट देने का फैसला किया है। इस छूट के बाद एक्सप्रेस वे पर कास, जीप, वैन या हल्के मोटर वाहन से आगरा से लखनऊ या लखनऊ से आगरा जाने पर एक तरफ का टोल टैक्स 570 रूपये वसूला जाएगा। इसी तरह अन्य श्रेणियों के वाहनों के लिए भी छूट के बाद वसूले जाने वाले टोल टैक्स की दरें तय की गई है। एक से दूसरे छोर तक जाने की बजाय एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्से का इस्तेमाल करने वाले वाहनों से तय की गई दूरी के आधार पर समानुपातिक रूप से टोल टैक्स वसूला जाएगा। महाना ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रचलित व्यवस्था की तरह आगरा एक्सप्रेस वे पर भी विशिष्ट व्यक्तियों, सरकारी वाहनों, एम्बुलेंस आदि वाहनों को टोल टैक्स से पूरी छूट दी जाएगी। दोपहिया वाहनों को 50 फीसद छूटः महाना ने कहा कि एक्सप्रेस वे पर सामान्यतः दोपहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होता है। फिर भी यदि कोई दोपहिया वाहन एक्सप्रेस वे पर आता है तो उससे कार, जीप और हल्के मोटर वाहन के लिए निर्धारित दर का 50 फीसद टोल टैक्स वसूला जाएगा. इस हिसाब से आगरा से लखनऊ जाने वाले दोपहिया वाहन से 285 रूपये टोल टैक्स वसूला जाएगा।
समय और ईंधन की बचत
महाना ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पास वाहनों के लिए निर्धारित टोल टैक्स की दरों को औचित्यपूर्ण ठहराते हुए कहा कि लखनऊ-कानपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल दूरी 364 किलोमीटर और अभी इस पर कार से लखनऊ से आगरा आने पर 390 रूपए टोल टैक्स वसूला जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की तुलना में 62 किमी की अधिक दूरी तय करनी पड़ती है जिसके कारण ईंधन पर लगभग 300 रूपये अधिक खर्च करने पड़ते हैं। वही एक्सप्रेसवे पर यात्रा से दो घंटे समय की बचत के साथ यात्रा भी सुविधाजनक होगी।
छूट की अवधि खत्म होने पर बढ़ सकती है दरें
सरकार के इस फैसले से तय है कि छूट की अवधि समाप्त होने पर टोल टैस्स की दरें बढ़ सकती हैं। ऐसा हुआ हो कार, जीप, वैन या हल्के मोटर वाहनों से 760 रूपये, हल्के व्यावसायिक यान, हल्के माल यान या मिनी बस से 1205 रूपए, बस या ट्रक से 2420 रूपये, भारी निर्माण कार्य मशीन, अर्थ मूविंग इक्किपमेंट्स और मल्टी एक्सल व्हीकल (तीन से छह एक्सल) से 3715 रूपये और विशाल आकार यान (सात या अधिक एक्सल) से 4770 रूपये टोल वसूला जाएगा। हालांकि महाना ने कहा कि मार्च के बाद एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक वाल्यूम के आधार पर दरों की समीक्षा की जाएगी।
कपिल देव ने कहा कि अगल पंड्या इस तरह की बेवकूफी भरी गलतियों करना जारी रखते हैं तो वो मेरे साथ तुलना के हक्कदार नहीं हैं।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने ऑलराउंडर हार्दिक पंडया को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, हार्दिक पांड्य से मेरी तुलना न करें। उनके मुताबिक अगर हार्दिक पांड्या सेंचुरियन टेस्ट में की गई बेवकूफी अगर पांडया ने भविष्य में दोहराई तो उनसे मेरी तुलना नहीं की जानी चाहिए।
कपिल देव ने मीडिया को बताया कि अगर पंडया इस तरह की बेवकूफी भरी गलतियां करना जारी रखते हैं तो वो मेरे साथ तुलना के हकदार नहीं हैं। दरअसल सेंचुरियन टेस्ट में दूसरी पारी में पंड्या के आउट होने के तरीके नाराज थे कपिल देवं। दूसरी पारी में पांड्या लुंगी नजीडी की एक बाहर जाती हुई गेंद को स्लिप के ऊपर से मारने के चक्कर में विकेट कीपर क्किंटन डि कॉक को कैच दे बैंठे थे। इसके पहले पहली पारी मे भी पंडया के रन आउट होने के बाद उनकी जमकर आलोचना हुई थी। क्योंकि वो लापरवाही के चलते रन आउट हुई क्योंकि वो टहलते हुए क्रीज में जा रहे थे और उनका बल्ला भी हवा में था।
कोहली ने कुछ इस तरह से भुगता केपटाउन में खराब प्रदर्शन का खामियाज़ा, पांड्या को मिली खुशी कपिल देव ने कहा हार्दिक एक अच्छे खिलाड़ी है लेकिन अगर वो छोटी-छोटी गललियों को बार-बार दोहराएंगे तो मैं उनसे अपने तुलना करना पसंद नहीं करूंगा कपिल देव से पहले संदीप पाटिल भी पंडया की तुलना कपिल देव के साथ करने पर आपत्ति कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि मै कपिल के साथ काफी क्रिकेट खेला हूं और मुझे तो इन दोनों में कोई समानता नहीं दिखाई देता ही कपिल देव से तुलना के लिए पांड्या को अभी बहुत लंबा सफर तय करना होगा। कपिल देव ने 15 सालों तक देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया हैं जिसमें से 1983 भारत को विश्वविजेता बनाना सबसे बड़ी उपलब्धि थी। जबकि पांड्य ने अभी सिर्फ अपना पांचवा टेस्ट मैंच खेला है।
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