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2. विकास दर से ज्यादा जरूरी खुशहाली part 2
created Oct 6th 2017, 14:11 by NishantRamola
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अर्थविशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को विकास दर बढ़ाने के साथ-साथ गरीबों के कल्याण की नई योजनाओं पर भी ध्यान देना होगा। इस ओर सरकार कदम बढ़ाते हुए भी दिखाई दे रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौभाग्य योजना अर्थात प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना का शुभारंभ किया। इससे भारत सरकार ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के सभी इच्छुक घरों को मार्च, 2019 तक बिजली की पहुंच सुनिश्चित करेगी। वर्ष 2017 की शुरुआत से सरकार ने अपनी नीतियों को जिस तरह ग्रामीण भारत और गरीबों पर केंद्रित किया है, उसका लाभ भी आम आदमी को मिलता दिख रहा है। सरकार गरीबों के लिए शोचालय बनवाने और गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस सिलिंडर देने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ी है। नई स्वास्थ्य नीति के तहत अब स्वास्थ्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5 फीसदी धन खर्च करने का लक्षय रखा गया है। साथ ही देश के 80 फीसदी लोगों का इलाज सरकारी अस्पतालों में मुफ्त करने का लक्ष्य भी रखा गया है।
निश्चित रूप से देश के लोगों की सामाजिक सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति को संतोषजनक बनाना जरूरी है। आम आदमी के धन का एक बड़ा भाग जरूरी सार्वजनिक सेवाओं, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा में व्यय हो रहा है। इस कारण बेहतर जीवन स्तर की अन्य जरूरतों की पूर्ति में वे बहुत पीछे हैं। चूंकि तेज आर्थिक विकास ने करोड़ों भारतीयों में बेहतर जिंदगी की महत्वाकांक्षा जगा दी है, ऐसे में जब देश के करोड़ों लोगों को उपयुक्त सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ एवं शिक्षा सुविधाएं नही मिल पा रही है, तो उनकी निराशाएं बढ़ती जा रही है। देश में इस समय ऐसा नया आर्थिक माहौल और ऐसी नई आर्थिक रणनीति विकसीत करना आवश्यक है, जो रोजगार, आम आदमी और गरीबों की खुशहाली पर केंद्रित हो।
निश्चित रूप से देश के लोगों की सामाजिक सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति को संतोषजनक बनाना जरूरी है। आम आदमी के धन का एक बड़ा भाग जरूरी सार्वजनिक सेवाओं, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा में व्यय हो रहा है। इस कारण बेहतर जीवन स्तर की अन्य जरूरतों की पूर्ति में वे बहुत पीछे हैं। चूंकि तेज आर्थिक विकास ने करोड़ों भारतीयों में बेहतर जिंदगी की महत्वाकांक्षा जगा दी है, ऐसे में जब देश के करोड़ों लोगों को उपयुक्त सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ एवं शिक्षा सुविधाएं नही मिल पा रही है, तो उनकी निराशाएं बढ़ती जा रही है। देश में इस समय ऐसा नया आर्थिक माहौल और ऐसी नई आर्थिक रणनीति विकसीत करना आवश्यक है, जो रोजगार, आम आदमी और गरीबों की खुशहाली पर केंद्रित हो।
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