Text Practice Mode
हेमन्त.....सभापति महोदय
created Aug 21st 2017, 09:17 by Hemant Pandey
2
256 words
82 completed
4
Rating visible after 3 or more votes
00:00
माननीय सभापति महोदय, मैं आपकी अनुमति से, शिक्षामंत्री जी ने जो प्रस्ताव सदन के सामने प्रस्तुत किया है, उसका समर्थन करने के लिए खड़ा अवश्य हुआ हूँ लेकिन क्या माननीयमंत्री महोदय जी यह बताने की कृपा करेंगे कि हमारे देश में शिक्षा की नीति का आधार क्या है। शिक्षा की नीति में सबसे प्रमुख बातें क्या होनी चाहिए। इस समबन्ध में मेरे विचार इस प्रकार हैं कि अपने देश में वे तमाम बच्चे जो पढ़ना चाहते हैं या जिनके माता पिता पढ़ना चाहते है उनको शिक्षा प्राप्त करने का अवसर सुलभ होना चाहिए दूसरी बात यह है कि हमारे देश के गरीब लोगों के लिए शिक्षा सस्ती होनी चाहिए और तीसरी बात यह है कि शिक्षा मिलने के बाद इस बात की गारन्टी होनी चाहिए कि जो लोग पढ़-लिख कर निकलें उनकों किसी न किसी काम में लगाया जा सकें।
मेरा आशय यह है कि शिक्षा नीति को इन त न कसौटियों को ध्यान में रखकर व्यवहार में लाया जाना चाहिए। क्या शिक्षा नीति यहाँ की सस्ती है, क्या सभी को सुलभ है तथा क्या वह रोजगार तलब है। मान्यवर इन तीन कसौटियों पर विचार करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुँचेंगे कि न तो शिक्षा सुलभ है न सस्ती है और न यह रोजगार तलब है। आज शइक्षा के अन्दर भी वर्ग बने हुए है। क्या शिक्षा हई क्लास के लोगों के लिए है जो कि उन लोगों को पब्लिक स्कूलों के माध्यम से दी जाती है और वहां पर रजो बच्चे पढ़ते है उन पर कई सौ प्रति माह वयय होता है।
मेरा आशय यह है कि शिक्षा नीति को इन त न कसौटियों को ध्यान में रखकर व्यवहार में लाया जाना चाहिए। क्या शिक्षा नीति यहाँ की सस्ती है, क्या सभी को सुलभ है तथा क्या वह रोजगार तलब है। मान्यवर इन तीन कसौटियों पर विचार करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुँचेंगे कि न तो शिक्षा सुलभ है न सस्ती है और न यह रोजगार तलब है। आज शइक्षा के अन्दर भी वर्ग बने हुए है। क्या शिक्षा हई क्लास के लोगों के लिए है जो कि उन लोगों को पब्लिक स्कूलों के माध्यम से दी जाती है और वहां पर रजो बच्चे पढ़ते है उन पर कई सौ प्रति माह वयय होता है।
saving score / loading statistics ...